बंदर मामा कहां चले, पूंछ उठाकर कहां चले ? परम दिगंबर मुनि पधारे, दर्शन करके कर्म जले। दर्शन करने जाऊँगा, भेद ज्ञान भी पाऊंगा। आतम का अनुभव करके मैं सच्चे सुख को पाऊँगा। - सर्वोदय, जबलपुर बच्चों की कवितायें