बार बार चले आते हो.... तुमने मुझे समझ क्या रखा है, तेरा हर जख्म भर जाए... और तुम्हें फिर खुदा मान लें... इतना भी क्या गिरा समझ रखा है? कोई और होते होंगे पीछे पीछे घूम कर... साथ का भीख मांगने वाले.... मगर हम भी बिक जाए... हमें क्या बाजर में बिकने वाला समझ रखा है? अभय चतुर्वेदी (बेबाक मुसाफ़िर) ©अभय चतुर्वेदी (बेबाक मुसाफ़िर) कुछ बातें एसी भी....... Guys follow kariye, like kariye, share kariye aur koi suggestions ho to jarur btaiye #lost