Nojoto: Largest Storytelling Platform

Black मैं आया था तेरी महफिल में गुमनाम बनकर लबों स

Black मैं आया था तेरी महफिल में गुमनाम बनकर
लबों से धुएं और हाथों से जाम छलक रहे थे
नजरों से नजरें मिली पर तुमने पहचाना नहीं
मेरी सुर्ख आंखों के अनकहे अल्फाज़ को तुमने जाना नही
किसने तुम्हारा हाथ थामा किसने तुम्हारे लबों को चूमा था
उस रात सुनसान सड़क पर मैं आंसुओं संग बेहिसाब झूमा था
जिन हाथों ने मेरे गालों को शिद्दत से छुआ था
उन हाथों को मेरे सामने रकीब ने बड़े प्यार से चूमा था
मैं रहा ताउम्र अकेला पर तुम्हारी याद जाती नही
 शिवम् की आंखों में कमबख्त अब भी कोई दूसरी भाती नही

©Cute Panda
  #Thinking #IPL2024