जय परमेश्वर यह कलुकाल,बनीयोंके,घरकापापहे ओर यह मालीककी, कुदरतनहीहे-क्युंकि-मालीक कच्चीउमरमे कीसीको नहीमारताहे!जीसका!सबुत- बेदकी कीताबोंसेहे ओर दुनीयांमेभी;कहतेहें;किरावण हरनाकुश ओर,कंस;वगेराने.अपने.राक्षसीपापसे मेहको ओर मोतको अपनेबसमे-करलीयाथा-ईसीतरहसे ईनबनीयोंनेभी राक्षसबीद्याके पापसे?मेहको?ओर मोतको अपनेबसमे करलीयाहे,परंन्तु,मोतको बसमेकरलेना कीसकोबोलतेहें वोह यहहे;किजोकोई,कच्ची उमरमेमरे जबयह जांनना किमोतको बसमेकरलीयाहे सोईसबातको ; अच्छीतरहसे-तुम-संसारकेलोगोंको समझनाचाहीये.... ( ७६ ) अज तसनीफ साध अनुपदास लीखी- कीताब - [ जगतहीतकारनी ] ( २७४ ) तमांम पढ़कर बंन्दोबस्त करो छावणी ऐरनपुरामें, शिवगंज - ३०७०२७ (राज.) ता १७ अप्रेल संन १९०९ झा बैसाष बुदी १२ सं॥ १९६५ M. No. :- 8905653801 www.jagathitkarnioriginal.org ©JAGAT HITKARNI ( 274 ) #GoodNight #GoodMorning #Life #read #Stories #follow #Comment Extraterrestrial life shayari on life life quotes sad reality life quotes in hindi