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आज फिर नींद को आँखों से बिछड़ते देखा आज फिर नींद को

आज फिर नींद को आँखों से बिछड़ते देखा आज फिर नींद को
 आंखों से बिछड़ते देखा है
 उनकी यादों में हमने
 अपने दिल को जलते देखा है पहले वो हमसे मिलने को तड़पते थे
 मगर आज हमने खुद अपने दिल तड़पते देखा है 

(R)

©Raj Purohit ji #Nind_ko_ankhon_se
आज फिर नींद को आँखों से बिछड़ते देखा आज फिर नींद को
 आंखों से बिछड़ते देखा है
 उनकी यादों में हमने
 अपने दिल को जलते देखा है पहले वो हमसे मिलने को तड़पते थे
 मगर आज हमने खुद अपने दिल तड़पते देखा है 

(R)

©Raj Purohit ji #Nind_ko_ankhon_se