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वीरान हैं शहर की सड़कें, वीरान हैं हर गली कूंँचे।

वीरान हैं शहर की सड़कें, वीरान हैं हर गली कूंँचे।
एक सूक्ष्म जीव के आगे, अच्छे अच्छे देश झुके।

इन दिनों ऐसे लगता है, जैसे समय रुक गया है।
ऐसी भयानक महामारी आई, जैसे यम का द्वार खुल गया है।

आंँखे नम हैं सभी की, हर शख़्स सहम सा गया है।
फिज़ाओं में यहांँ की, ज़हर घुल सा गया है।

ऐसे ही आई हैं हज़ारों, आपदाएंँ पहले भी।
सदियों से इसे इंसान ही, झेलता आ रहा है।

सरकार कहती है जो यदि, वह बात मानी जाएगी।
हमें उम्मीद है ये आपदा, भी टल जाएगी। #napowrimo का आज आठवाँ दिन है। कभी कभी ऐसा लगता है जैसे #समयरुकगया है लेकिन होता हमारा भ्रम है। #YourQuoteAndMine
Collaborating with YourQuote Didi
वीरान हैं शहर की सड़कें, वीरान हैं हर गली कूंँचे।
एक सूक्ष्म जीव के आगे, अच्छे अच्छे देश झुके।

इन दिनों ऐसे लगता है, जैसे समय रुक गया है।
ऐसी भयानक महामारी आई, जैसे यम का द्वार खुल गया है।

आंँखे नम हैं सभी की, हर शख़्स सहम सा गया है।
फिज़ाओं में यहांँ की, ज़हर घुल सा गया है।

ऐसे ही आई हैं हज़ारों, आपदाएंँ पहले भी।
सदियों से इसे इंसान ही, झेलता आ रहा है।

सरकार कहती है जो यदि, वह बात मानी जाएगी।
हमें उम्मीद है ये आपदा, भी टल जाएगी। #napowrimo का आज आठवाँ दिन है। कभी कभी ऐसा लगता है जैसे #समयरुकगया है लेकिन होता हमारा भ्रम है। #YourQuoteAndMine
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