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स्त्री को परिभाषित करते हैं रचनाकर, सौंदर्य का आंक

स्त्री को परिभाषित
करते हैं रचनाकर,
सौंदर्य का आंकलन
चेहरे की बनावट
शरीर की कसावट
या करते हैं उसके
मुख पर उभरे 
काले तिल से।
तिल से नही
आंकी जाती
न ही शारीरिक
बनावट सौन्दर्य
दिखाती है!
स्त्री का सौंदर्य
उसके देह से नही
बल्कि उसके
नेह को देखकर
वात्सल्य भाव
कोमल ह्रदय
में दिखती है।

©Drx punam rao
  #Silence