गमें बाजार में, मैं जो अपना गम बेचने निकला , तो पता चला ये मेरा गम तो बाकियों के मुकाबले कुछ भी ना था , लाखो लोगो की भीड़ थी बाजार में , पर मुझे मेरे गम का कोई खरीदार ना मिला , इस गमें बाजार में, मेने मेरे अपनो को भी देखा, देख मुझे बाजार में अपना मुंह उन्होंने फेर लिया , सुबह से शाम हो गई पर मुझे मेरे गम का कोई खरीदार ना मिला , लेकर अपना गम में कहा जाऊ इसका कोई जवाब ना मिला , आखिर में ,मेने खुद ही खरीदार बन अपना गम खरीद लिया , आंखो से होने लगी अंसुयो की बारिश फिर जाकर कही दिल को मेरे चेन मिला ,,,,,,,,, ©#Rahul #गमें बाजार #खरीदार