कहा ले जाती है बलन्दिया एक औदा हीतो बढता है ! तुम सैर ही कर सकते हो बस आसमा की यार रहना तो जमी पै ही पढता है! क्या करोगे तालुक बढा के हमसे हम जैसे शक्सो का पाला रोज नये नये हादसो से पढता है! हम तो पहले ही कह चुके है हम जैसे लाखो है मगर तुम जैसा कोई एक ही फलक से उतरता है! कनक तेलंग ©kt #Birds #Birds