घुट रही है सांसें अपने ही वतन में जिस धरती पर बिखरी है सपने कण - कण में हौसला कौन किसे देगा इस वतन में जहां पल रही हो नफ़रतें सबके मन में ©अनुषी का पिटारा.. #Quarrel #अनुषी_का_पिटारा