ख्वाहिशों के बंद कमरे में , रोज़ तुझे बाहों में भरता हुँ, कोई पहचान न ले इरादे मेरे ,तेरी महक को साँसों में भरता हूँ , हर तरकीब नाकाम है तुझे चुराने की , गुलाब देख मन मचलता तो बोहत है,मगर क्या करूँ काँटों से डरता हूँ ... @veer #gulab #love #connection #foryou #nojoto #rx