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...मेरी आँखे तुम्हारी मंज़रो मे कैद है अब तक मैं ज

...मेरी आँखे
तुम्हारी मंज़रो मे कैद है अब तक
मैं जो भी देखता हूँ, 
सोचता हूँ
वो, वही है
जो तुम्हारी नेक-नामी और
 बद-नामी की दुनिया थी ।
कहीं कुछ भी नहीं बदला,
तुम्हारे हाथ मेरी उंगलियों में सांस लेते हैं,
मैं लिखने के लिये जब भी
 कागज कलम उठाता हूं,
तुम्हे बैठा हुआ मैं 
अपनी कुर्सी में पाता हूं | #FathersDay #alonewithoutyou #missyoupapa #villain
...मेरी आँखे
तुम्हारी मंज़रो मे कैद है अब तक
मैं जो भी देखता हूँ, 
सोचता हूँ
वो, वही है
जो तुम्हारी नेक-नामी और
 बद-नामी की दुनिया थी ।
कहीं कुछ भी नहीं बदला,
तुम्हारे हाथ मेरी उंगलियों में सांस लेते हैं,
मैं लिखने के लिये जब भी
 कागज कलम उठाता हूं,
तुम्हे बैठा हुआ मैं 
अपनी कुर्सी में पाता हूं | #FathersDay #alonewithoutyou #missyoupapa #villain
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