उसको जीताने के वास्ते मैं हार रहा हूँ ज़िंदगी , महज़ मैं मयकदे में अपनी गुजार रहा हूँ ज़िंदगी ! माँ-बाप ने कभी नहीं उठाये मुझपर हाथ अपनी ,, मग़र मैं रोज ख़ुद को एक थप्पड़ मार रहा हूँ ज़िंदगी..!! - अरुन आर्या ©- Arun Aarya #AloneInCity #गुजार रहा हूँ