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तो तुम अगर वाकई मेरे हो तो ये चार दिन की दूरियां म

तो तुम अगर वाकई मेरे हो
तो ये चार दिन की दूरियां
मेरी मोहब्बत पर 
कोई असर नहीं करने वाली
बहुत सबर हैं मुझ में 
मैं बिना तुम से मिले नहीं मरने वाली
मुझे इक ज़िंदगी का क्या ही भला डर होगा
मैं,तुम्हारे लिए 
कई ज़िंदगियों का सफ़र करने वाली
तुम अगर वाकई किसी और के हो
फ़िर ये मसला है 
मैं,तुम्हारी ओर फ़िर इक नज़र भी नहीं करने वाली
मैं नहीं शामिल कभी उन लोगों में 
किसी का बाग़ उजाड़े,और सजाएं घर अपना
तुम्हारे साथ साथ जीने का रहे बाक़ी रहे फ़िर ये सपना
मुझे वो मोहब्बत चाहिए ही नहीं
जिसकी खैरात को दर ब दर भटका जाए
जो मेरा हो आ कर बेख़ौफ़ थामे फ़िर 
कलाई मेरी
यू किसी छोटे से मुद्दे पे क्यों कर अटका जाए
मैं कई मुद्दत उस का रास्ता देखूं,यू ही
वापसी का कोई वादा मुझे देता जाए
आजकल औरों के साथ मशरूफ है,बहुत 
अपनी तल्ख़ियों में लिपटा,मगरुर हैं बहुत
मैंने इश्क़ करना हैं,तो फ़िर इस क़दर करना
उसी के साथ जीना हैं,उसी के साथ है मरना
ये सब शर्ते,तभी तक है 
जब तलक मेरा रहेगा वो 
पराई चीज़ पर यू भी
गुनाह ही हैं,नज़र करना......

©ashita pandey  बेबाक़ #snow  लव शायरियां लव शायरी शायरी लव
तो तुम अगर वाकई मेरे हो
तो ये चार दिन की दूरियां
मेरी मोहब्बत पर 
कोई असर नहीं करने वाली
बहुत सबर हैं मुझ में 
मैं बिना तुम से मिले नहीं मरने वाली
मुझे इक ज़िंदगी का क्या ही भला डर होगा
मैं,तुम्हारे लिए 
कई ज़िंदगियों का सफ़र करने वाली
तुम अगर वाकई किसी और के हो
फ़िर ये मसला है 
मैं,तुम्हारी ओर फ़िर इक नज़र भी नहीं करने वाली
मैं नहीं शामिल कभी उन लोगों में 
किसी का बाग़ उजाड़े,और सजाएं घर अपना
तुम्हारे साथ साथ जीने का रहे बाक़ी रहे फ़िर ये सपना
मुझे वो मोहब्बत चाहिए ही नहीं
जिसकी खैरात को दर ब दर भटका जाए
जो मेरा हो आ कर बेख़ौफ़ थामे फ़िर 
कलाई मेरी
यू किसी छोटे से मुद्दे पे क्यों कर अटका जाए
मैं कई मुद्दत उस का रास्ता देखूं,यू ही
वापसी का कोई वादा मुझे देता जाए
आजकल औरों के साथ मशरूफ है,बहुत 
अपनी तल्ख़ियों में लिपटा,मगरुर हैं बहुत
मैंने इश्क़ करना हैं,तो फ़िर इस क़दर करना
उसी के साथ जीना हैं,उसी के साथ है मरना
ये सब शर्ते,तभी तक है 
जब तलक मेरा रहेगा वो 
पराई चीज़ पर यू भी
गुनाह ही हैं,नज़र करना......

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