Nojoto: Largest Storytelling Platform

फिर मैं आज खड़ा हो गया हूं एकबार जहां न अपने है न

फिर मैं आज खड़ा हो गया हूं एकबार
जहां न अपने है न पराये
बस भीड़ ही भीड़ हैं ट्रेन ही ट्रेन है
जहां से कुछ पहले मैं गया था।
फिर आऊंगा फिर जाऊंगा
ये ज़िन्दगी अब हमारी एक सफर सी हो गयी है
जो हर बार स्टेशन पर ला खड़ा कर देती है
फिर मैं आज खड़ा हो गया हूं एकबार।
                           पटना जंक्शन #यात्रा
फिर मैं आज खड़ा हो गया हूं एकबार
जहां न अपने है न पराये
बस भीड़ ही भीड़ हैं ट्रेन ही ट्रेन है
जहां से कुछ पहले मैं गया था।
फिर आऊंगा फिर जाऊंगा
ये ज़िन्दगी अब हमारी एक सफर सी हो गयी है
जो हर बार स्टेशन पर ला खड़ा कर देती है
फिर मैं आज खड़ा हो गया हूं एकबार।
                           पटना जंक्शन #यात्रा