सारी दुनिया से बेगानी हुई हूँ उसके लिए बस दिवानी हुई हूँ अपने रब को छोड़ मैं पीर हुई हूँ हाँ! मैं उस रान्झे की हीर हुई हूँ.. शादी छोड़ मैं निकाह हुई हूँ मंदिर छोड़ मैं मक्का हुई हूँ गीता छोड़ मैने क़ुरान पढा है पुजा छोड़ मैने इबादत करा है दिवाली छोड़ मैने ईद मनाया है अर्धांगिनी नहीं खुदको बेगम कहाया है माँ से अम्मी में तब्दील हुई हूँ सात फेरे नहीं मैं कबुल हुई हूँ... Hindi se Urdu me tabdeel hui hun😍