Nojoto: Largest Storytelling Platform

कितनी घनी, सन्नाटों की गूंज, यूँ ही चुपके से बरपता

कितनी घनी,
सन्नाटों की गूंज,
यूँ ही चुपके से बरपता,
अनजान,
अपरिचित,
जैसे हो ही नही,
सन्नाटों की गूंज....

मुझे कब से उलझाए,
अपने ही यादों में,
सवालों के घेरे में,
फिर चुपके से,
तिरछी नजरो से देखती हुयी,
सन्नाटों की गूंज,
जैसे अब भी कितना कुछ,
कहने को बचा है,
उमीदों में सायों से,
अंधेरो में दिए सा,
रोशनी को जलाये,
कितनी घनी,
सन्नाटों की गूँज.....

©Prashant Roy
  #boat #sannaton ki gunj #nojotohindi #nojotahindi #shayaru  Rahul Bhardwaj gaTTubaba Rakesh Srivastava AviS IshQपरस्त