हो, बीते बीते लम्हें क्यों दिल को ये तड़पाते कड़वी मीठी यादें क्यों नींदों को सताते बीते बीते लम्हें क्यों दिल को ये तड़पाते कड़वी मीठी यादें क्यों नींदों को सताते चैन से सोने को फिर तेरा होने को काश ऐसा हो जाए फिरसे तू आ जाए ऐसी तू साथी थी ऐसी तू प्रेमी थी प्यास दिल की बुझती थी नीले नीले अंबर पर, चाँद जब आता था प्यार बरसता था, हमको तरसाता था तू ही ऐसी साथी थी ऐसी तू प्रेमी थी प्यास दिल की बुझाती थी। नीले नीले अंबर पर Neele Neele ambar par चाँद जब आता था chand jab aata tha प्यार बरसता था pyar barsata tha, हमको तरसाता था Humko tarsata tha ऐसी तू साथी थी Aisi tu saathi thi ऐसी तू प्रेमी थी Aisi tu premi thi प्यास दिल की बुझाती थी (2) Pyas dil ki bujhati thi (2)