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मजबूर हूं क्या इसलिए मजदूर हूं या मजदूर हूं इसलिए

मजबूर हूं क्या इसलिए मजदूर हूं
या मजदूर हूं इसलिए मजबूर हूं
घर चलाने के  खातिर शहर में आया
आज घर से ही कोसो दूर हूं
बहुत इमारतें बनाई शहरों में 
पर खुद का घर गांव में टूट रहा
दूसरों का आशियाना बनाते संवारते
आज मेरे अपनों का साथ छूट रहा
लम्बी सडकें जिन्हे इन्ही  हाथों से बनायी
आज वो सड़कें भी मेरे लिए बंद है
हवाई जहाज से आए इस रोग के  दोष का
जनरल डब्बे वाले को मिल रहा दंड है।
                          -अजय #labourday #majdoordiwas #1stmay #covid19 #lockdown
मजबूर हूं क्या इसलिए मजदूर हूं
या मजदूर हूं इसलिए मजबूर हूं
घर चलाने के  खातिर शहर में आया
आज घर से ही कोसो दूर हूं
बहुत इमारतें बनाई शहरों में 
पर खुद का घर गांव में टूट रहा
दूसरों का आशियाना बनाते संवारते
आज मेरे अपनों का साथ छूट रहा
लम्बी सडकें जिन्हे इन्ही  हाथों से बनायी
आज वो सड़कें भी मेरे लिए बंद है
हवाई जहाज से आए इस रोग के  दोष का
जनरल डब्बे वाले को मिल रहा दंड है।
                          -अजय #labourday #majdoordiwas #1stmay #covid19 #lockdown