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कदमों की आहट सुनते ही मैं पीछे मुड़ा देख नज़ारा रा

कदमों की आहट सुनते ही मैं पीछे मुड़ा
देख नज़ारा रात के सन्नाटे में होश उड़ा
 स्वेत चादर में लिपटी महिला थी मेरे सामने
बालों का गुच्छा उसके था खुला हुआ
देखने में बहुत भयानक लग रही थी 
जिसे मैं बहुत ही डर सा गया 
तभी वो मेरे पास आ गई और बोली
कुछ खाने को दो ना साहिब
कुछ पैसे दे झट से मैं बड़ी दूर निकल आया
आके अपना हाल घर वालों को बताया।।
सरिता🍂....✍🏼

©Sarita gautam
  #आहत