सुहानी,
जैसा नाम बिलकुल वैसी ही, पागल, और बेफिक्र,
जब भी मिलो तो जिंदगी की परेशानीयों से कोशो दूर रहती,
और हँसी तो जैसे चलता फिरता कार्टून नेटवर्क चैनल..
पहली बार जब GLA university में मिली तो यही बोली थी शर्माओ ना जलज खुल कर बोलो...
और आज कल" मुंह बन्द रख अपना " का ताना देती है
सच्ची में सोचा नही था की खुदा मुझे इतनी अच्छी,
care करने वाली फ्रेंड, सिस्टर और मेंटर से मिलवायेगा।