रोज नजर भर के देखा तुझे फिर भी नजर भर्ती नहीं कहती हैं कुछ जाम है तेरी नजरों में इस लिए मेरी कोई शाम तुझे देखे बिना कटती नहीं मोहिनी सूरत वहां चंचल नैना तुझे जब जब देखूं मैं हो जाता हूं बेन देखा जब तुझे देखता रह गया सुध बुध खो मोहन में अपनी तेरे पुजारी को देवता कह गया 🥰 ©Khushi yadav #kirshna