याद की तड़प में यूँ सिसकना, मैंने मोहब्बत में ही सीखा है। वरना दोस्ती में तो मैंने, आज तक सबको खुश ही देखा है। जाने क्यूँ लोग दिल लगाकर, आँसुओं का सौदा करते हैं। वरना दोस्ती में तो सिर्फ, खुशियों और मुस्कुराहटों का सौदा है। ♥️ Challenge-496 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ इस विषय को अपने शब्दों से सजाइए। ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें।