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प्रकृति अवसर ज़रूर देगी मुझे कि मैं लिख सकूं "मौस

प्रकृति अवसर ज़रूर देगी
मुझे कि
मैं लिख सकूं 
"मौसमी विध्वंश की तमाम थपेड़ों
 की पीड़ाओं
बाद भी गुलमोहर का बीज
 "प्रेम जीवन"
बनकर खिल ही आता है !!"
     -Anjali Rai
(अनुशीर्षक में...... ) तुम्हारे आने और जाने 
के बाद जो सबसे 
विध्वंशकारी ऊर्जा उत्पन्न
हुई उसने "जड़" कर दिया मुझे
और यकीन मानो 
"जड़ता " चाहे स्थायित्व की हो 
या प्रवाह की दोनों भयावह है!!
और
प्रकृति अवसर ज़रूर देगी
मुझे कि
मैं लिख सकूं 
"मौसमी विध्वंश की तमाम थपेड़ों
 की पीड़ाओं
बाद भी गुलमोहर का बीज
 "प्रेम जीवन"
बनकर खिल ही आता है !!"
     -Anjali Rai
(अनुशीर्षक में...... ) तुम्हारे आने और जाने 
के बाद जो सबसे 
विध्वंशकारी ऊर्जा उत्पन्न
हुई उसने "जड़" कर दिया मुझे
और यकीन मानो 
"जड़ता " चाहे स्थायित्व की हो 
या प्रवाह की दोनों भयावह है!!
और