प्रकृति अवसर ज़रूर देगी मुझे कि मैं लिख सकूं "मौसमी विध्वंश की तमाम थपेड़ों की पीड़ाओं बाद भी गुलमोहर का बीज "प्रेम जीवन" बनकर खिल ही आता है !!" -Anjali Rai (अनुशीर्षक में...... ) तुम्हारे आने और जाने के बाद जो सबसे विध्वंशकारी ऊर्जा उत्पन्न हुई उसने "जड़" कर दिया मुझे और यकीन मानो "जड़ता " चाहे स्थायित्व की हो या प्रवाह की दोनों भयावह है!! और