Nojoto: Largest Storytelling Platform

ज़िन्दगी की रफ़्तार कुछ तेज़ हो गयी, मैं भटका मुसाफ़िर

ज़िन्दगी की रफ़्तार कुछ तेज़ हो गयी,
मैं भटका मुसाफ़िर कुछ देर हो गयी।
मैं अतीत के पन्नों को, इधऱ संजोता रहा ,
उधऱ ख़्वाबों के पन्नों को, "जेल" हो गयी।

" तब" न ख़बर थी मुझे न पता ही मिला,
जब मिला भी पता तो कुछ देर हो गयी।
मंज़िल का रास्ता कुछ नया सा जो था,
ठहरा जरा पूंछने के लिए"इतने" में,
ज़िन्दगी की रफ़्तार कुछ तेज़ हो गयी।
मैं भटक मुसाफ़िर कुछ देर हो गयी,
उन ख़्वाबों की रिहाई में देर हो गयी,।



#GumnamRahi...
#BhatkaMusafir... #GumnamRahi...
#BhatkaMusafir...
ज़िन्दगी की रफ़्तार कुछ तेज़ हो गयी,
मैं भटका मुसाफ़िर कुछ देर हो गयी।
मैं अतीत के पन्नों को, इधऱ संजोता रहा ,
उधऱ ख़्वाबों के पन्नों को, "जेल" हो गयी।

" तब" न ख़बर थी मुझे न पता ही मिला,
जब मिला भी पता तो कुछ देर हो गयी।
मंज़िल का रास्ता कुछ नया सा जो था,
ठहरा जरा पूंछने के लिए"इतने" में,
ज़िन्दगी की रफ़्तार कुछ तेज़ हो गयी।
मैं भटक मुसाफ़िर कुछ देर हो गयी,
उन ख़्वाबों की रिहाई में देर हो गयी,।



#GumnamRahi...
#BhatkaMusafir... #GumnamRahi...
#BhatkaMusafir...