Sad love quotes in Hindi गजल हुस्ने अखलाक वफ़ा सब छोड़ के बैठा है वो अकेला ही सबसे रिश्ते तोड़ के बैठा है अपने जिगर के उस टुकड़े से पूछूँ तो सही किस बात पर आखिर मुंह मोड़ के बैठा है कम उम्र के प्यार का ये कैसा पागलपन है कफ्स की तिल्लियों से सर फोड़ के बैठा है जो जिंदा है वो नंगा बैठा है फुटपाथों पर जो मर गया है वो चादर ओढ़ के बैठा है पढ़ाई लिखाई, शादी, बच्चे इतना ही तो है इंसान भी बा कमाल है सब जोड़ के बैठा है मारूफ आलम तोड़ के बैठा है/गजल