Nojoto: Largest Storytelling Platform

जब से हवा चली है मुहब्बत की बहुत कुछ बिखर चुका है

जब से हवा चली है मुहब्बत की
बहुत कुछ बिखर चुका है 
घर की फर्श पर धूल है;
मेज पर धूल है;
सेज पर धूल है;
किताबों पर धूल है;
ख्वाबों पर धूल है,
मुरझाया हुआ हर फूल है।
नहाना भूल गया;
खाना भूल गया।
अब कुछ करने का मन नहीं करता;
अब मन किसी से नहीं डरता!
                    ...✍विकास साहनी

©Vikas Sahni #तूफान_ए_मुहब्बत

#SongOfLove
जब से हवा चली है मुहब्बत की
बहुत कुछ बिखर चुका है 
घर की फर्श पर धूल है;
मेज पर धूल है;
सेज पर धूल है;
किताबों पर धूल है;
ख्वाबों पर धूल है,
मुरझाया हुआ हर फूल है।
नहाना भूल गया;
खाना भूल गया।
अब कुछ करने का मन नहीं करता;
अब मन किसी से नहीं डरता!
                    ...✍विकास साहनी

©Vikas Sahni #तूफान_ए_मुहब्बत

#SongOfLove
nojotouser4262088293

Vikas Sahni

New Creator