भरोसा प्यार का कभी तोड़ना नही साथ मेरा कभी जान छोड़ना नही चाहे कितने भी गिले शिकवे हो दोनों में आखरी सांस तक कभी मुखड़ा मोड़ना नही ©संजय जालिम " आज़मगढी" # साथ छोड़ना नही#