#RDV19 #सहूलियत सहूलियत से महरूम हुए बैठें थे... जब देखा फूलों को खिलते.... काफुर से हो गए होश कुछ पल के लिए... जाना मुस्कुराहट भी कोई चीज़ हैं.... आंखें छलक सी गई....