" तुम बिन " छुपाते क्यूँ, हो बताते क्यूँ नहीं प्यार करते हो, फिर जताते क्यूँ नहीं इश्क़ तुमसे करते हैं इसलिए फ़रियाद करते हैं हर पल, हर घड़ी बस तुम्हें याद करते हैं..... हमको मालूम है तुम भी कहीं जल रहे होगे, तन्हाई की आगोश में मेरी तरह पल रहे होगे.. ये दर्द होता ही है ऐसा ज़ालिम... न जीने देता है किसी को, न मरने देता है किसी को फैला दो अब अपनी बाँह, दे दो हमें पनाह हम तुम्हारे ही तो है... तो फिर हमें अपना बनाते क्यूँ नहीं................... प्यार करते हो फिर जताते क्यूँ नहीं लब पे हर सूँ होता है बस तेरा नाम कैसे भेजूँ तुझे मोहब्बत का पैगाम .. तुमने ही तो मुझे इश्क़ करना सिखाया था मोहब्बत क्या चीज है मुझको बताया था ग़र कोई खता हो, मुझे माफ़ करना तुम सारे गिले -शिकवे दिल के सनम साफ करना तुम दूर रह कर इक दूसरे से न हम जी सकेंगे और न तुम जी सकोगे ......... तो फिर दिल के फासले व तन्हाईयाँ मिटाते क्यूँ नहीं, छुपाते क्यूँ हो बताते क्यूँ नहीं, प्यार करते हो, फिर जताते क्यूँ नहीं.....??? #तुम बिन #part 1