फूलों में वो पले है, काटों पे वो चले है, तारे तो वो है मगर, कभी गिरे कभी जले है.. कश्ती तो चलो जैसे तैसे उतारी है, पर क्या इस मौसम की जानकारी है? तूफान नादानी पे हस कर पूछता है, के यह किस बेपरवाह की सवारी है? उसूलों में वो ढले है, पर थोडे मन-चले है, सख़्त तो वो है मगर, कभी फिसले कभी पिघले है ।।— % & #random #yqdidi #shayari #hindipoetry #hindi #yqbaba #nevergiveup #philosophical