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ग़ुस्सा कभी आता नहीं दिलाया जाता है। प्यार की दाल म

ग़ुस्सा कभी आता नहीं दिलाया जाता है।
प्यार की दाल में तड़का लगाया जाता है।

मज्लिसी में रहो तुम अपने सलीके से!
मोहब्बत का स्वाद ऐसे बढ़ाया जाता है। ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :)

♥️ आज का शब्द है "मज्लिसी" "majlisii" जिसका हिन्दी में अर्थ होता है सामाजिक एवं अंग्रेजी में अर्थ होता है social. अब तक आप अपनी रचनाओं में सामाजिक शब्द का प्रयोग करते आए हैं। उसकी जगह आप इस उर्दू शब्द मज्लिसी का प्रयोग कर सकते हैं।

♥️ उदाहरण :-

मिरी रूह की हक़ीक़त मिरे आँसुओं से पूछो
मिरा मज्लिसी तबस्सुम मिरा तर्जुमाँ नहीं है
ग़ुस्सा कभी आता नहीं दिलाया जाता है।
प्यार की दाल में तड़का लगाया जाता है।

मज्लिसी में रहो तुम अपने सलीके से!
मोहब्बत का स्वाद ऐसे बढ़ाया जाता है। ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :)

♥️ आज का शब्द है "मज्लिसी" "majlisii" जिसका हिन्दी में अर्थ होता है सामाजिक एवं अंग्रेजी में अर्थ होता है social. अब तक आप अपनी रचनाओं में सामाजिक शब्द का प्रयोग करते आए हैं। उसकी जगह आप इस उर्दू शब्द मज्लिसी का प्रयोग कर सकते हैं।

♥️ उदाहरण :-

मिरी रूह की हक़ीक़त मिरे आँसुओं से पूछो
मिरा मज्लिसी तबस्सुम मिरा तर्जुमाँ नहीं है