मेरी कोशिश की गई उम्मीद जब दम तोड़ने लगती हैं, तभी एक और नई उम्मीद हौसला बनने लगती हैं, चलते चलते थक ही क्यूं ना जाऊ, थोड़ी देर ठहर जा, नई प्रेरणा के साथ वो फिर जगती हैं, हासिल करनी हैं हर हाल में मुझे मंजिल, टूट कर बिखरे, बिखर के संभले, मेरी उम्मीद मेरी हमसफर लगती हैं...!! ©#Mr.India मेरी कोशिश की गई उम्मीद जब दम तोड़ने लगती हैं, तभी एक और नई उम्मीद हौसला बनने लगती हैं, चलते चलते थक ही क्यूं ना जाऊ, थोड़ी देर ठहर जा, नई प्रेरणा के साथ वो फिर जगती हैं, हासिल करनी हैं हर हाल में मुझे मंजिल, टूट कर बिखरे, बिखर के संभले, मेरी उम्मीद मेरी हमसफर लगती हैं...!!