अंजान मुसाफ़िर हूँ मैं जीवन के इस सफ़र में, मंज़िल कहाँ है मुझे कुछ पता नहीं ज़िंदगी की इस आपाधापी में, डर है मुझे कि खुद को मैं ना खो दूँ कहीं — % & ♥️ Challenge-846 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें। ♥️ अन्य नियम एवं निर्देशों के लिए पिन पोस्ट 📌 पढ़ें।