वो जो अफसाना-ए-गम ( शाहीन बाग) सुन के हंसा करते थे, इतना रोए हैं कि सब आंख का काजल निकला... ©DILBAG.J.KHAN { دلباغ.جے.خان } #शाहीन_बाग़ #वक्त_वक्त_की_बात #वक्त_एक_जैसा_नही_रहता_हैं