Nojoto: Largest Storytelling Platform

बचपन मे 1 ₹ की पतंग के पीछे , 2 की.मी. तक भागते

बचपन मे 1 ₹  की पतंग के पीछे  ,
2 की.मी. तक भागते थे ,
न जाने कीतने चोटे लगती थी ,
फिर भी हम दौड़ते रहते थे ,
वो पतंग भी हमे बहोत दौड़ाती थी ।।

आज पता चलता है कि ,
दरअसल वो पतंग नहीं थी ,
एक चुनौती थी ,
खुशियों को हांसिल करने के लिए दौड़ना पड़ता है ,
वो दुकानो पे नहीं मिलती ,
शायद यही जिंदगी की दौड़ है ।।

IG:- words_with_heart_

©Harish Labana पतंगोत्सव ।
।
#kite #kitefestival #Love #writer
बचपन मे 1 ₹  की पतंग के पीछे  ,
2 की.मी. तक भागते थे ,
न जाने कीतने चोटे लगती थी ,
फिर भी हम दौड़ते रहते थे ,
वो पतंग भी हमे बहोत दौड़ाती थी ।।

आज पता चलता है कि ,
दरअसल वो पतंग नहीं थी ,
एक चुनौती थी ,
खुशियों को हांसिल करने के लिए दौड़ना पड़ता है ,
वो दुकानो पे नहीं मिलती ,
शायद यही जिंदगी की दौड़ है ।।

IG:- words_with_heart_

©Harish Labana पतंगोत्सव ।
।
#kite #kitefestival #Love #writer