""आज खुशी को कर सकें बयान,शब्दों में वो बात नहीं। कर सकें कैद रोशनी को , ऐसी कोई रात नहीं। खुशियों का आलम किस क़दर छाया है फिज़ाओं में, हो जाए बयां चंद अल्फाजों में ऐसे ये जज़्बात नहीं।।" आप सभी के साथ के लिए बहुत बहुत आभार। #50_Followers❤️