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ना वो कोई धड़कन है, ना वो कोई डोरी है फिर भी मेरे

ना वो कोई धड़कन है, ना वो कोई डोरी है
फिर भी मेरे मौला वो क्यों ज़िंदा रहने को इतनी जरूरी है

ज़ुल्फ़ों का दामन छोड़ा है,गालों पर आकर ठहरी है
शबनम की दो बूंदों हैं,जो सागर से भी ज्यादा गहरी हैं

मैं भटका हूँ मुसाफ़िर हूँ,वो बनारस की दुपहरी है
थोड़ी सी वो अल्हड़ है,थोड़ी सी वो शहरी है

सांसों में छुपी है जो,वो हयात सिर्फ तेरी है
तन्हाइयों में उठती है जो वो आवाज़ सिर्फ़ मेरी है

तस्वीर तुम्हारी खींची थी,तुमने ही मुझे भुलाया है
देखो हर बार नए बहाने से तुमने मुझे रूलाया है

ये शाम है किसी शराबी सी,मुश्किल इश्क़ की कचहरी है
गहरा तेरा काजल है,ये रात बड़ी अंधेरी है... 
© trehan abhishek



 #धड़कन #डोरी #manawoawaratha #yqdidi #yqbaba #lovestory #hondipoetry #hindishayari
ना वो कोई धड़कन है, ना वो कोई डोरी है
फिर भी मेरे मौला वो क्यों ज़िंदा रहने को इतनी जरूरी है

ज़ुल्फ़ों का दामन छोड़ा है,गालों पर आकर ठहरी है
शबनम की दो बूंदों हैं,जो सागर से भी ज्यादा गहरी हैं

मैं भटका हूँ मुसाफ़िर हूँ,वो बनारस की दुपहरी है
थोड़ी सी वो अल्हड़ है,थोड़ी सी वो शहरी है

सांसों में छुपी है जो,वो हयात सिर्फ तेरी है
तन्हाइयों में उठती है जो वो आवाज़ सिर्फ़ मेरी है

तस्वीर तुम्हारी खींची थी,तुमने ही मुझे भुलाया है
देखो हर बार नए बहाने से तुमने मुझे रूलाया है

ये शाम है किसी शराबी सी,मुश्किल इश्क़ की कचहरी है
गहरा तेरा काजल है,ये रात बड़ी अंधेरी है... 
© trehan abhishek



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