तुम मत डरना ,इन अग्रेजी के बाबुओ से । वो डराएगे,लज्जित करेगें, पर तुम मत डगमगाना । इस हमले का तुम मुँह तौड़ देना,तुम सवम मे चिरजीवी, अमृतवीर हो । तुम हिंदी हो परन्तु उससें पहले भारतीय । तुम मत डरना इन अग्रेजी के बाबुओ से वो शिक्षित नहीं, बुद्धि हीन ।वो अक्षर ,मूररख अमबिका