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बर्फीली रातों में वो शर्मीली बाते कहाँ गयी। कोहरे

बर्फीली रातों में वो शर्मीली बाते कहाँ गयी।
कोहरे में कोई दूर तक नजर नहीं आता ओस सी वो गीली आँखें कहाँ गयीं।
शायरः-शैलेन्द्र सिंह यादव  #NojotoQuote शैलेन्द्र सिंह यादव बर्फीली रातों में वो शर्मीली आँखें कहाँ गयीं।
बर्फीली रातों में वो शर्मीली बाते कहाँ गयी।
कोहरे में कोई दूर तक नजर नहीं आता ओस सी वो गीली आँखें कहाँ गयीं।
शायरः-शैलेन्द्र सिंह यादव  #NojotoQuote शैलेन्द्र सिंह यादव बर्फीली रातों में वो शर्मीली आँखें कहाँ गयीं।

शैलेन्द्र सिंह यादव बर्फीली रातों में वो शर्मीली आँखें कहाँ गयीं।