छोड़ कर तेरी गली मैं जा रही हूँ बात दिल को भी यही समझा रही हूँ इश्क़ मैंने बेवफ़ा से कर लिया था अब मुहब्बत में बहुत पछता रही हूँ बदमिज़ाजी हुस्न है मैं इसलिए भी पास आने से तेरे क़तरा रही हूँ ये पुरानी बात है अब ख़ैर छोड़ो मैं भी प्यासे का कभी दरिया रही हूँ फिर न कोई ये कहे अच्छे बहुत हो इसलिए चेहरों पर चेहरे लगवा रही हूँ दिल वही मुझसे खिलौना चाहता है जो खिलौना आग में पिघला रही हूँ ©Subhagini #SAD chhodkar gali teri #waiting