Nojoto: Largest Storytelling Platform

आँखें मूंदूँ तो तेरा चेहरा याद आता है, वफ़ादार कहु

आँखें मूंदूँ तो तेरा चेहरा याद आता है, वफ़ादार कहुँ या नासमझ इसे, 
ख़ुदा को सोचूँ तो ये आँखे,
उसका ही चेहरा उकेरती हैं..
सपनों में नजर आता है वो अक्सर,
जिसे नजरें हर ओर ढूँढती हैं..
नशा है,नजर है,या नसीब ये.. 
अब उसके ख्यालों से शामें और सहर होती है..

©Chanchal's poetry
  #nojotowriters
#nojotohindi #Eyesspeaks 
#soulconnection #love
#sad_feeling #deepdesire
#deeplove
#hiddenfeelings