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सबके करीब ही था, फिर कोई करीब नही आया, सच है ज़िं

सबके करीब ही था,

फिर कोई करीब नही आया,

सच है ज़िंदगी कि शाम

गुमनाम ही हो जाती है,


#सुशांत सिंह जी राजपूत #darkness
सबके करीब ही था,

फिर कोई करीब नही आया,

सच है ज़िंदगी कि शाम

गुमनाम ही हो जाती है,


#सुशांत सिंह जी राजपूत #darkness