एक व्यक्ति के कई रुप हो गए हैं इस जमाने में , अमीरी में कुछ और, गरीबी में कुछ और , सफलता में कुछ और विफलता में कुछ और , खुशियों में कुछऔर विप्तियों में कुछ और, अवश्यक्ता पे कुछ और, लालच में कुछ और, पता हिं नहीं चल पा रहा की किस रुप में कहें इन्हें प्रीये और अपने । ©Mk Bihari बदलता रुप #dilemma