लिखता रहता हूँ छंद जज्बातों से मेरे, इसी उम्मीद पे की.. तकरा जाए कभी ये नजरों से तेरे। तू समझे या ना समझे.. मैं खुश हूँ फैसला से तेरे, बश कोशिस रहती है पहुँचा दूं तुझ तक हर अनकही एहसास इन पन्नों से मेरे। -B.priya Sahu (Ceaseless_ink) #Life #Love #Writing #Story #Quotes