अब मुझे किसी भीड़ से जुड़ने की कोई इच्छा नहीं होती या यूं कहूं की मैं उन सभी माध्यमों को खुद तोड़ रही हूं धीरे धीरे जो मुझे लोगों से जोड़ती है । ये भी नहीं है कि मुझे किसी से आत्मीयता या लगाव नहीं पर भीड़ मेरे लिए भयावह है । हर पीड़ा का एक पड़ाव और हर पड़ाव को पार करने पर एक पीड़ा होना निर्धारित है.... ख़ैर। आपसब को न ही पढ़ना हो पा रहा है और न ही कुछ अच्छा लिखना इसलिए आप स्व इच्छा से मुझे अनफॉलो कर सकते हैं और... आगे बस.... बहुत खुश रहिए अपना ख्याल रखिए।। ~© अंजली राय अल्प विराम ..... #paidstory