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मोहब्बत रूह से हो तो शरफ़-ए-क़ुरआन पा जाती है वो जो

मोहब्बत रूह से हो 
तो शरफ़-ए-क़ुरआन पा जाती है
वो जो सिर्फ़ जिस्म से की जाए
बाज़ार की ज़ीनत बनके रह जाती है Musings - 25/1/19
मोहब्बत रूह से हो 
तो शरफ़-ए-क़ुरआन पा जाती है
वो जो सिर्फ़ जिस्म से की जाए
बाज़ार की ज़ीनत बनके रह जाती है Musings - 25/1/19