अब शाम होती गई, और जिंदगी का मजा डूबता गया। एसी पल में याद आते गए और फिक्र छोड़ते गए । कहने को अगला सूरज जिंदगी सवारें गा, पर ये रात और मस्तानी बनती गई l ये चांद - तारे वो सुहाना बचपना और मां बाउजी की यादें तो थी, अब बच्चो को वही यादों में लिपटा के चले गए। मज़ा अभी बेकरार था, उस चांद का नाम मेरे पास था। कहने को अपने दिल की धड़कने उसमे बस गई थी, और रात का नजारा मानो अपना परिवार था।। ©TheCherish Scribe RAAT EK SUHANA PAL #pyaar #Apne #रात #सुहाना_सफ़र #जिंदगी