पलकोंकी दहलीज पे आते-आते सपनों का टूटकर बिखरजाना। कुछ ऐसा है,जैसे लहरों का बार- बार साहिल से टकराकर खाली हाथ लौट जाना।। ©Rupam Mahto #nojito #dahlij #Morning