भारत जैसे देश मैं किसानों के साथ बहुत ही खराब और अन्यायपूर्ण स्थिति है देश मैं दुकानदार से लेकर बिजनेसमैन तक के सभी लोग अपने अपने उत्पादों ,वस्तुओ की मुंहमांगी कीमत उपभोगताओं से लेते हैं और हम उन्हें देते भी हैं यानी उनकी इच्छानुसार दामों में ही वह अपने सामान को बेचते हैं लेकिन फिर जब हमारा भरण पोषण करने वाले किसान की बारी आती है तो अनाज के खरीददार किस आधार पर किसान की मेहनत का मूल्य पूछे बिना ही फसल का मूल्य लगा देते हैं जो किसान हमारे पेट को भरने के लिए दिन रात खेत मैं पसीना बहाता हैं बेचारे उस अन्नदाता को उसकी मेहनत का मूल्य भी नहीं मिल पता हैं हमारे देश के किसानों के साथ वास्तव मैं ये बहुत ज्यादा नाइंसाफी हो रही हैं ©"pradyuman awasthi" #अन्याय किसानों के साथ